Bhangarh Fort, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है और यह भारत के सबसे रहस्यमय और भूतिया स्थानों में से एक माना जाता है। इस किले से जुड़ी कई कहानियाँ और मिथक इसे एक अद्वितीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर बनाते हैं। यदि आप रहस्य, रोमांच और इतिहास से भरी जगहों में रुचि रखते हैं, तो Bhangarh Fort आपकी सूची में होना चाहिए। इस लेख में, हम आपको Bhangarh Fort की सात ऐसी बातें बताएंगे, जो न केवल आपको चौंकाएंगी बल्कि इस किले के गहरे रहस्यों को भी उजागर करेंगी।
1. Bhangarh Fort का श्रापित इतिहास: एक अनसुनी दास्तान
Bhangarh Fort, जिसे 16वीं सदी में आमेर के राजा भगवंत दास ने बनवाया था, उनके पुत्र माधो सिंह प्रथम के लिए एक भव्य निवास स्थान के रूप में निर्मित किया गया था। यह किला वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, लेकिन इसके इतिहास के पीछे छिपे अंधेरे रहस्यों ने इसे भारत के सबसे भयावह स्थानों में से एक बना दिया है।
किले की सबसे प्रसिद्ध कहानी तांत्रिक सिंधु सेवड़ा और रानी रत्नावती के इर्द-गिर्द घूमती है। कहा जाता है कि तांत्रिक रानी की सुंदरता पर मोहित हो गया था और उसे पाने के लिए उसने एक जादूई तेल का सहारा लिया। लेकिन रानी ने तांत्रिक की चाल को समझते हुए उस तेल को एक बड़े पत्थर पर डाल दिया, जिससे तांत्रिक की मौत हो गई। मरने से पहले तांत्रिक ने Bhangarh को श्राप दिया कि यह किला और इसके निवासी कभी भी सुख-शांति का अनुभव नहीं कर पाएंगे। यही श्राप Bhangarh Fort की बर्बादी का कारण बना।
2. किले में रात बिताने का प्रतिबंध: एक अनजाना भय
Bhangarh Fort इतना भयावह माना जाता है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले यहाँ प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही मानते हैं कि किले के अंदर रात में रहना खतरनाक हो सकता है। किले के अंदर से रात में अजीबोगरीब आवाजें सुनने की घटनाएँ सामने आई हैं, जो इसे और भी डरावना बना देती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस चेतावनी को नजरअंदाज कर किले में रात बिताने की कोशिश करता है, वह कभी लौटकर नहीं आता या फिर किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है। इस नियम ने Bhangarh Fort की रहस्यमयता और डर को और बढ़ा दिया है, जिससे यह स्थान दुनिया भर के रोमांच प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है।
3. रानी रत्नावती की कहानी: प्रेम, प्रतिशोध और श्राप
Bhangarh Fort की कहानी में रानी रत्नावती का एक महत्वपूर्ण स्थान है। वह अपनी असाधारण सुंदरता और बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थीं। कई राजा और शासक उनके साथ विवाह करना चाहते थे, लेकिन उनकी किस्मत ने उन्हें एक अलग ही दिशा में मोड़ दिया। तांत्रिक सिंधु सेवड़ा, जो काले जादू में माहिर था, रानी को पाने के लिए व्याकुल था। उसने रानी को सम्मोहित करने के लिए एक जादूई तेल का सहारा लिया। लेकिन रानी ने इस चाल को समझ लिया और उस तेल को एक विशाल पत्थर पर डाल दिया, जिससे वह पत्थर तांत्रिक पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।
मरने से पहले तांत्रिक ने Bhangarh और रानी रत्नावती को श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और उनकी आत्मा कभी भी शांति नहीं पा सकेगी। इस श्राप ने Bhangarh Fort की किस्मत को बदल दिया और यह स्थान हमेशा के लिए वीरान हो गया।
4. रहस्यमय आवाजें और घटनाएँ: क्या आप इनका सामना कर सकते हैं?
Bhangarh Fort में आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने किले के अंदर से अजीबोगरीब आवाजें सुनने और अनजानी घटनाओं का अनुभव करने की बात कही है। कई लोग दावा करते हैं कि उन्होंने किले के अंदर किसी अदृश्य शक्ति का अनुभव किया है। कुछ ने यहाँ अचानक ठंडक महसूस की, जबकि कुछ ने अपने आस-पास किसी अदृश्य उपस्थिति का अहसास किया।
कहा जाता है कि रात के समय किले के अंदर से चीखें, रोने की आवाजें, और कभी-कभी संगीत की धुनें भी सुनाई देती हैं। ये घटनाएँ किले की रहस्यमयता और भयावहता को और भी बढ़ा देती हैं, जिससे यह स्थान साहसिक यात्रियों और भूत-प्रेत में विश्वास करने वालों के लिए एक अद्वितीय गंतव्य बन गया है।
5. Bhangarh के पास की रहस्यमय जगहें: सिर्फ किला ही नहीं, पूरा क्षेत्र है भयावह
Bhangarh Fort के आस-पास भी कई अन्य रहस्यमय स्थान हैं, जो इस क्षेत्र की रहस्यमयता को और बढ़ाते हैं। कुलधारा गाँव, जो Bhangarh से कुछ ही दूरी पर स्थित है, ऐसा ही एक स्थान है। कुलधारा भी एक श्रापित गाँव माना जाता है, जो अचानक रातोंरात वीरान हो गया था। यहाँ के निवासी कहाँ गए, यह आज भी एक रहस्य है। यह गाँव अब खंडहरों में तब्दील हो चुका है और यहाँ आने वाले पर्यटक इसके वीरानेपन और सन्नाटे का अनुभव कर सकते हैं।
इसके अलावा, Bhangarh के आसपास के जंगल और घाटियाँ भी अपने आप में रहस्यमय कहानियों से भरी हुई हैं। कई लोग दावा करते हैं कि उन्होंने इन जगहों पर अजीबोगरीब घटनाओं का सामना किया है।
6. Bhangarh Fort की वास्तुकला: एक अद्भुत शिल्पकला
Bhangarh Fort न केवल अपने डरावने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। इस किले में कई भव्य महल, मंदिर, और बाजार स्थित हैं, जो उस समय की समृद्धि और शिल्पकला का प्रमाण हैं। किले का मुख्य प्रवेश द्वार ‘भूत बंगला’ के नाम से जाना जाता है, और इसके अंदर कई हिस्से हैं जो खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
किले के अंदर स्थित सोमेश्वर मंदिर, गोकुल मंदिर, और केशव राय मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन मंदिरों की वास्तुकला और शिल्पकला आज भी अद्वितीय हैं, और यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव प्रदान करती हैं।
7. Bhangarh Fort का पर्यटक महत्व: एक अद्वितीय यात्रा गंतव्य
आज के समय में Bhangarh Fort एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन चुका है। यहाँ देश-विदेश से लोग आते हैं और इसके डरावने माहौल का अनुभव करते हैं। किला सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है, और यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों में होता है जब मौसम सुहाना होता है।
किले की यात्रा के दौरान, पर्यटक न केवल इसके भव्य इतिहास और वास्तुकला का आनंद ले सकते हैं, बल्कि इसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का भी अनुभव कर सकते हैं। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है जो इतिहास, संस्कृति, और रोमांच से भरपूर जगहों की खोज में रहते हैं।
भानगढ़ किले की यात्रा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
- स्थान: भानगढ़, अलवर जिला, राजस्थान
- निकटतम शहर: जयपुर (83 किमी)
- प्रवेश समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीय नागरिकों के लिए ₹25, विदेशी नागरिकों के लिए ₹200
- कैसे पहुँचें: जयपुर से टैक्सी या बस के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
Bhangarh Fort निस्संदेह एक ऐसी जगह है, जो रहस्य, रोमांच और इतिहास के प्रेमियों के लिए आदर्श है। यहाँ का रहस्यमय वातावरण, श्रापित इतिहास और अद्भुत वास्तुकला इसे एक अद्वितीय गंतव्य बनाते हैं। यदि आप साहसिक यात्राओं में रुचि रखते हैं, तो भानगढ़ किले की यात्रा जरूर करें, लेकिन ध्यान रखें कि इस जगह की रातें आपके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकती हैं।
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