Hawa Mahal 18वीं सदी में महाराजा सावई प्रताप सिंह द्वारा बनवाई गई थी, और इसे राजपूतानी संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।
Hawa Mahal भारतीय विरासत स्थल के रूप में माना जाता है और यहाँ की वास्तुकला अद्वितीयता में प्रमुख स्थान रखती है।
Hawa Mahal शाही महिलाओं के लिए बनाया गया था ताकि वे बिना देखे, नीचे की सड़कों पर हो रहे जीवन और त्योहारों को देख सकें।
Hawa Mahal लाल और गुलाबी पत्थरों से बना है, जो राजस्थान के प्राचीन पत्थर हैं। इन सामग्रियों से महल को उसका विशेष गुलाबी रंग मिलता है|
Hawa Mahal के अंदर, विभिन्न भागों में जाने के लिए छुपी हुई गलियाँ और सीढ़ियाँ हैं। ये गलियाँ राजकुलों और उनके मेहमानों को बिना पहचाने चलने के लिए इस्तेमाल की जाती थीं।
पूरे चांदनी रात में, Hawa Mahal के गुलाबी पत्थर की ढाल चांदनी के तहत आलोकित होती है, जो इसे एक चमत्कारी दृश्य बनाती है।
Hawa Mahal राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जो इसकी विशेष वास्तुकला और राजपूताना की शानदार कला का प्रदर्शन करता है।